ड्राई क्लीनिंग बिजनेस आइडिया
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बिज़नेस करने के 1000 तरीकों में से आज हम आपको ड्राई क्लीनिंग बिजनेस के बारे में पूरी जानकारी बातएंगे।
हमारे देश के अंदर ड्राई क्लीनिंग का बिजनेस बहुत ही कामयाब बिजनेस साबित हो सकता है जिसकी डिमांड बहुत ज्यादा है तथा कंपटीशन बहुत कम है।

पिछले कुछ वर्षों में मार्केट में ऐसे कपड़ों की मांग बढ़ी है जिनको हम धो नहीं सकते बल्कि हमें उनकी ड्राई क्लीनिंग ही करवानी पड़ती है।
ड्राई क्लीनिंग का बिजनेस आप बहुत कम बजट में भी स्टार्ट कर सकते हैं तथा अगर आपके पास पैसा है तो आप 15 से ₹20 खर्च करके भी बड़ा प्लांट लगा सकते हैं।
ड्राई क्लीनिंग का मार्केट बहुत बड़ा है क्योंकि हर व्यक्ति के पास 4 या 5 ड्रेस ऐसी होती है। जिनकी ड्राई क्लीनिंग करवानी पड़ती है और इस बिजनेस की शादियों के सीजन में और भी ज्यादा डिमांड बढ़ जाती है।
ड्राई क्लीनिंग में कपड़ों को केमिकल के साथ से साफ किया जाता है ना कि पानी से धोया जाता है।
इस बिजनेस को कैसे स्टार्ट करें कौन-कौन सी बातों का ध्यान रखें इसके बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
Table of Contents
ड्राई क्लीनिंग बिजनेस की शुरुआत कैसे करें
ड्राई क्लीनिंग का बिजनेस आप अपने घर पर भी शुरू कर सकते हैं। अगर आपके पास बजट की कमी है तो घर से इस बिजनेस को स्टार्ट करना आपके लिए ज्यादा फायदेमंद होगा।
इस बिज़नेस में आपके पास वाशिंग मशीन का होनी चाहिए
अगर वाशिंग मशीन ना हो तो आप बाल्टी में केमिकल डालकर अपने हाथो से भी धो सकते है। लेकिन इससे केमिकल आपके हाथों को नुकसान पंहुचा सकता है।
अगर आपको इस बिजनेस में थोड़ा नॉलेज है और आपके क्षेत्र में कोई बड़ा कंपटीशन नहीं है तो आप बड़ी मशीनें भी खरीद सकते हैं।
इसके लिए आपको कौन-कौन सी मशीनों की जरूरत पड़ेगी इसके बारे में आगे विस्तार से बताया गया है।
ड्राई क्लीनिंग बिजनेस में जरूरी मशीनरी
इस बिजनेस को करने के लिए जिस जरूरी सामान की जरूरत होती है। वह है स्टीम प्रेस, हाइड्रो, बॉयलर, वाशिंग मशीन, डम्बलर, वैक्यूम टेबल आदि।
1. बॉयलर
बॉयलर का काम होता है स्टीम (भाप) बनाना बॉयलर एक मशीन होती है। जिसमें पानी डाला जाता है और जिससे पानी को 100 डिग्री सेंटीग्रेड तक गर्म करते हैं जिससे पानी गर्म होकर स्टीम में बदल जाता है।
2. स्टीम प्रेस

बॉयलर सिस्टम से स्टीम पतले पाइप की सहायता से प्रेस में पहुंच जाती है यह प्रेस घरों में काम आने वाली साधारण से अलग होती है।
इस प्रेस में नीचे की सतह से भाप निकलती है उसी भाप से कपड़े पर प्रेस की जाती है।
3. वैक्यूम टेबल
कपड़े पर स्टीम प्रेस करने के लिए कपड़े को जिस जिस टेबल पर रखा जाता है। वैक्यूम टेबल कहते हैं।
वैक्यूम टेबल बिजली से चलती है। इसमें कपड़ों के हिसाब से तापमान भी सेट कर सकते हैं।
इस टेबल का काम है यह कपड़ों को अंदर की तरफ खींचती है। जिससे कपड़े टेबल की सतह पर चिपक जाते हैं और उन पर स्टीम प्रेस करने में आसानी होती है।
इससे कपड़ों पर सलवटें से आसानी से निकल जाती है। कपड़े के स्टीम आर पार जाने से कपड़े के सारे कीटाणु मर जाते है।
इससे कपड़ों के रेशे खुल जाते है और कपडे की लाइफ भी बढ़ जाती है।
इस टेबल का फायदा यह भी है। कि इससे कपड़ों पर दाग धब्बे लगने का खतरा नहीं रहता।
4. वॉशिंग मशीन
वॉशिंग मशीन किलो के हिसाब से आती है। आप एक साथ कितने कपड़े धोना चाहते है। उस हिसाब से यह छोटी तथा बड़ी आती है।

इसमें 10 किलो, 20 किलो, 50 किलो तथा 100 किलो की वाशिंग मशीन भी उपलब्ध है। इन सभी की प्राइस रेट भी अलग-अलग होती है।
10 किलो की वाशिंग मशीन का प्राइस लगभग 10000 से 15000 के आस पास होता है।
अगर आप इस बिज़नेस को बड़े स्तर पर करना चाहते हैं। तो फिर आपको वाशिंग मशीन खरीदनी ही पड़ेगी।
नए कपडे धोने के लिए आपको बहुत कम केमिकल का उसे करना होता है। ज्यादा केमिकल डालने से कपड़े खराब हो जाते हैं।
रंग-बिरंगे कपड़ों में भी केमिकल हिसाब से यूज करना होता है। वरना उनका कलर भी fade (फीका) हो सकता है।
5. हाइड्रो
हाइड्रो को ड्रायर भी कहते है।
यह कपड़ो को सुखाने के काम आता है।
इसमें गीले कपड़े डालकर सुखाने पर जाने यह उनको 90% तक सूखा देता है। इससे समय की काफी बचत होती है।
6. डम्बलर
डम्बलर कपड़ो को पूरी तरह सुखाने के लिए काम में लिया जाता है।
ड्राई क्लीनिंग तथा लॉन्ड्री में क्या अंतर है।
ड्राई क्लीनिंग
ड्राई क्लीनिंग में कपड़ों को केमिकल से साफ किया जाता है।
केमिकल का यूज कपड़ों पर लगे दाग को मिटाने के लिए काम किया जाता है।
लॉन्ड्री
लॉन्ड्री में कपड़ों को पानी से वाशिंग मशीन में धोया जाता है।
फिर उन पर साधारण प्रेस की जाती है जब हम घरों में करते हैं।
लॉन्ड्री में कपड़ों को ठीक वैसे ही धोया जाता है जैसे हम अपने घर पर धोते हैं।
इस बिजनेस में ध्यान रखने वाली सावधानियां
मशीनों की निरंतर सफाई करते रहे वरना उनमें smell आ सकती है। जिससे वह smell कपड़ों में भी आने लगेगी।
मशीन में केमिकल को समय-समय पर बदलते रहे।
एक ही केमिकल में ज्यादा कपडे धोने से केमिकल खराब हो जाता है और कपड़े ठीक से नहीं धुलते हैं।
कपड़ों को ड्राई क्लीनिंग के लिए उचित मात्रा में केमिकल का यूज करो ज्यादा केमिकल लगने से कपड़ा खराब हो जाता है। उसका रंग उड़ सकता है।
ड्राई क्लीनिंग बिज़नेस में मुनाफा
मार्केट में एक ड्रेस कि ड्राई क्लीनिंग करने के लिए 300 से 500 रुपए लिए जाते है।
जिसमें से आपका सिर्फ 30% से 50% तक ही खर्चा होता है बाकि आपकी मुनाफा होता है एक ड्रेस पर।
अगर आप खुद ड्राई क्लीनिंग नहीं करते सिर्फ लांड्री का काम करते है और ड्राई क्लीनिंग मार्किट में दूसरी दुकान से करवा कर लाते है। तो आप 20% से 30% तक मुनाफा कमा सकते है।
ड्राई क्लीनिंग बिज़नेस की मार्केटिंग कैसे करे
मार्केटिंग के लिए सोशल मीडिया का उपयोग कर सकते है। अपने दोस्तों के साथ शेयर करके आप फ्री में मार्केटिंग कर सकते है।
इसके लावा अपने मोहल्ले में पोस्टर लगवा सकते है और प्रचार कर सकते है।
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