मुर्गी पालन बिज़नेस : मुनाफा 8 लाख से अधिक
मुर्गी पालन बिज़नेस एक ऐसा बिज़नेस है जिसकी मार्केट में हमेशा ही डिमांड रहती है। यह बिज़नेस कभी बंद ना होने वाले बिज़नेस में से एक है।
मुर्गी पालन बिज़नेस बहुत ही सावधानी वाला बिज़नेस है इसमें आपको छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखना पड़ता है।
इस गाइड में मैं आपको मुर्गी पालन के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दूँगा तथा इस बिज़नेस के असफल होने के क्या कारण है वो भी बताऊंगा।
Table of Contents
Broiler मुर्गी पालन बिज़नेस शुरू करने के लिए सबसे बढ़िया समय
मुर्गी पालन सालभर किया जाता है लेकिन अगर आप इसे शुरु करने का सोच रहे है तो इसे सर्दियों में शुरु करें।
इस बिज़नेस के लिए सर्दियों का समय सबसे अच्छा रहता है। आप नवंबर से लेकर अप्रैल तक इस बिज़नेस में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।
सर्दियों में अगर चूजे बीमार भी हो जाए तो दवाई देने पर जल्दी ठीक हो जाते हैं जबकि बरसात तथा गर्मी में दवाई का असर धीरे होता है।
सर्दियों में चूजे का वजन अधिक तेजी से बढ़ता है इस कारण आप अधिक पैसे कमा सकते है।

मुर्गे की सबसे बढ़िया प्रजाति
आपको कितना मुनाफा होगा यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस प्रजाति के चूजे पालते हैं।
Cobb | Ross | Hubbard |
यह सबसे बढ़िया प्रजाति है नए किसान को इसी प्रजाति से शुरुआत करनी चाहिए | अनुभवी किसान को ही इसे खरीदना चाहिए क्योंकि इसकी देखभाल ज्यादा करनी पड़ती है | यह प्रजाति को भी अनुभवी किसान को ही खरीदनी चाहिए |
बड़े होने की बाद इनके पैरों का रंग “पीला” होता है | बड़े होने के बाद इनके पैरों का रंग “गुलाबी” होता है | बड़े होने के बाद इनके पैरों का रंग “सफेद” होता है |
यह सबसे महंगी प्रजाति है | यह प्रजाति Cobb से थोड़ी सस्ती होती है | सबसे सस्ती प्रजाति है |
चूजे का वजन सबसे ज्यादा होता है | वजन Cobb से थोड़ा कम होता है | इस प्रजाति के चूजे का वजन सबसे कम होता है |
सबसे जल्दी तैयार होने वाली नस्ल है | तैयार होने में Cobb प्रजाति से 5 दिन अधिक लगते है | तैयार होने में Cobb से लगभग 10 दिन का अधिक समय लगता है |
सबसे स्वस्थ नस्ल भी है | स्वास्थ्य बीच का रहता है ना ज्यादा अच्छा ना ज्यादा खराब | सबसे ज्यादा बीमार पड़ने वाली प्रजाति है |
चूजों की देखभाल कैसे करें
चूजों की देखभाल के लिए आपको निम्न बातें ध्यान में रखनी चाहिए।
फर्श पर अथवा जमीन पर चावल के छिलकों का भूसा डालना चाहिए क्योंकि चूजों के पैर बहुत नाजुक होते हैं कठोर जमीन पर टूट सकते हैं।
चूजों को फार्म में लाते ही सबसे पहले 4 घंटे में सिर्फ गुड़ का पानी ही पिलाये इससे उनका स्वास्थ्य ठीक रहता है तथा थकान दूर होती है।
जब चूजे छोटे हो तो फार्म का तापमान अधिक रखे ज्यादा ठण्ड होने पर चूजे बीमार हो सकते है अथवा मर भी सकते है।
चूजे को खरीदने से पहले उसका वजन जरूर चेक करें छोटे चूजे का औसत वजन 40 ग्राम होता है अगर इससे कम है तो उसके बीमार पड़ने के चांसेस ज्यादा होते है।
चूजों के लिए पीने का साफ पानी तथा खाना टाइम के हिसाब से देना चाहिए
फीडर तथा ड्रिंकर को समय-समय पर साफ करते रहें।
चूजों को वैक्सीन कब दें
चूजों में मुख्य रूप से 2 बीमारियों का खतरा रहता है इसके लिए उन्हें पानी के साथ समय-समय पर दवाई देनी होती है।
रानीखेत के लिए दवा = 6 दिन बाद
गमरोग के लिए दवा = 12 से 13 दिन बाद
मार्केट में 1000, 2000 चूजों के बैच के हिसाब से अलग-अलग मात्रा की दवाई आती है आपको सुबह के समय उसे पानी में मिलाकर चूजों के सामने रख देना है।
पानी इतना ही मिलाये कि चूजे उसे 2 से 3 घंटे में पी जाएं वरना दवाई पानी में पड़ी-पड़ी खराब हो जाएगी।

मुर्गी फार्म बनाते समय ध्यान रखने योग्य बातें
मुर्गी फार्म कि चौड़ाई 30 फीट से अधिक नही होनी चाहिए लम्बाई कितनी भी हो सकती है।
एक 80*30 फीट के फार्म में आप 4000 चूजे एक साथ रख सकते है
मुर्गी फार्म कि लम्बाई पूर्व से पश्चिम दिशा में होनी चाहिए ताकि सूरज कि रोशनी ज्यादा अन्दर ना आए। ताकि तापमान कण्ट्रोल में रहे।
अगर आप टीन कि छत लगवाते है तो छत के उपर चने का भूसा जरुर डाले ताकि फार्म के अन्दर गर्मी कण्ट्रोल में रहे।
मुर्गी फार्म के आसपास की जगह शांत होनी चाहिए।
किसी हाईवे या रोड के पास ना बनाएं जहां से अधिक वाहन गुजरते हों। अधिक आवाज के कारण चूजे तनाव में आ जाते है और उनका वजन ठीक से नहीं बढ़ता और इससे आपको नुकसान होगा।
कॉन्ट्रैक्ट पोल्ट्री फार्मिंग कैसे करें
सबसे पहले आपको अपने मुर्गी फार्म (पोल्ट्री फार्म) का शेड तैयार करना पड़ेगा उसके बाद कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के लिए आपको कंपनी के सुपरवाइजर से बात करनी पड़ेगी।
सुपरवाइजर आपके फार्म पर आकर उसकी लंबाई, चौड़ाई को देखेगा और क्या-क्या सुविधाएं हैं और क्या-क्या नही है इस बात की जांच करेगा।
आपके फार्म का कितना क्षेत्रफल है उसके हिसाब से आपको बताएगा कि आप अपने फार्म अधिकतम कितने चुजे रख सकते हैं और आपको कंपनी की शर्तों के बारे में भी बताएगा।
हर राज्य में अलग-अलग कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग कंपनियां होती है आपके राज्य में कौनसी है इसे आप इन्टरनेट पर सर्च कर सकते है।
कॉन्ट्रैक्ट पोल्ट्री फार्मिंग के लिए कागजात
- बायोडाटा जैसे आधार कार्ड या वोटर आईडी कार्ड
- मुर्गी फार्म का नक्शा
- जमीन का विवरण जहाँ मुर्गी फार्म है
- पंचायत से NOC (नॉन ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट)
पढ़े : NOC क्या होता है कैसे और कब बनवाना पड़ता है
मुर्गियों (चूजों) का खाना
चूजों को दाना फीडर (दाना पात्र) के अंदर डाला जाता है यह प्लास्टिक की बाल्टी जैसा होता है।
1000 चूजों के लिए आपको कम से कम 50 फीडर की जरूरत पड़ती है।
एक चूजा 40 दिन में औसतन 3.50 किलो दाना खाता है अगर आपके पास 1000 चूजे है तो 3500 किलो दाना लगेगा।
कॉन्ट्रैक्ट पोल्ट्री फार्मिंग में आपको चूजों का खाना तथा दवाई कंपनी की तरफ से दिया जाता है आपको नहीं खरीदना पड़ता।
मुर्गी फार्म शुरू करने में खर्चा
मुर्गी फार्म बिजनेस करने के लिए सबसे पहले आपको फार्म के लिए शेड बनानी होगी अथवा आप सीमेंट का मकान भी बनवा सकते हैं।
टीन शेड बनवाने का खर्चा 1 से 2 लाख रुपए का आएगा तथा मकान बनाने में 2 से 3 लाख रुपए का खर्चा आएगा।
आप एक साथ कितने चूजों को रखना चाहते हैं उस हिसाब से शेड की साइज रखनी होगी।
80*30 साइज़ (80 फुट लंबाई तथा 30 फुट चौड़ाई) के शेड में आप 4000 चूजे रख सकते हैं।
- 1000 चूजों पर 40 दिन का खर्चा
- फ्री स्टार्टर फूड = ₹7000
- स्टार्टर फूड = ₹50,000
- फिनिशर फूड = ₹25,000
- मेडिसिन = ₹1500
- मजदूरी = ₹3500
- 1000 चूजों की कीमत ₹42000
- कुल लागत = 1,29,000 रुपए
मुर्गी पालन बिज़नेस में मुनाफा
माना आप 1000 चूजों का बैच रखते हैं तो उसमें से 30 से 40 चूजे किसी कारणवश मर जाते हैं तो आपके पास 960 चूजे ही बचते हैं।
- एक चूजे का औसत वजन = 2 किलो
- कुल वजन = 960*2 => 1920 किलो
- मार्केट में बिकता है = 80 से ₹90 प्रति किलो
- कुल कमाई = 1920*80 => ₹1,53,600 रुपए
- जैसा कि मैंने आपको बताया 1000 चीजों पर कुल खर्चा ₹1,29,000 रुपए आता है। तो
- कुल बचत = 153000 – 129000 => ₹24000
- अगर आप एक बैच में 4000 चूजे रखते हैं तो आप ₹96,000 40 दिन में कमा सकते हैं।
कॉन्ट्रैक्ट मुर्गी फार्मिंग में मुनाफा
अगर आप कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग में एक बार में 4000 चूजे रखते हैं तो कुल कितना मुनाफा होगा।
- 4000 चूजों का कुल वजन = 4000*2 => 8000 रुपए/किलो
- कंपनी 1 किलो के पैसे देती है = ₹11
- कुल मुनाफा = 11*8000 = 88,000 रुपए
इसलिए कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग और पर्सनल फार्मिंग के मुनाफे में कोई ज्यादा अंतर नही है इसलिए कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग ज्यादा अच्छी रहती है क्योंकि इसमें आपको सिर्फ शेड बनाने का खर्चा करना होता है। उसके बाद कोई खर्चा नही करना पड़ता।
कंपनी कि तरफ से ही चूजो के लिए दाना तथा दवाई कि व्यवस्था कि जाती है और समय-समय पर वो चूजों कि जाँच के लिए डॉक्टर भी भेजते रहते है।
मुर्गी फार्म के लिए लोन कैसे लें
किसी भी बिज़नेस के लिए लोन आप दो प्रकार से ले सकते है।
1. MSME के द्वारा
किसी भी small बिज़नेस के लिए लोन लेने से पहले आपको अपना बिज़नेस MSME (Micro Small एंड Medium Enterprises) पर रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ेगा।
यह रजिस्ट्रेशन बिल्कुल free है आप ऑनलाइन घर बैठे यह काम कर सकते है इसमें आपको आपके बिज़नेस कि डिटेल enter करनी होती है।
कोरोना Lockdown के बाद सरकार ने MSME के तहत बहुत ही सस्ते लोन देना शुरु कर दिया है।
2. NABARD के द्वारा
NABARD (National Bank for Agriculture and Rural Development) समय-समय पर किसानों के लिए सस्ती लोन स्कीम निकलता है जिसके तहत वह 25 से 30% तक किसान को सब्सिडी भी देता है।
आप अपने नजदीकी किसी भी बैंक में जाकर इनके बारे में free में जानकारी हासिल कर सकते है।
मुर्गी पालन बिज़नेस के नाकामयाब होने के 8 कारण
1. किराये कि जमीन पर मुर्गी पालन करना
अगर आप किराये कि जमीन लेकर उस पर मुर्गी पालन करते है तो आपको मुनाफा ना के बराबर होता है इसलिए खुद की जमीन पर ही पोल्ट्री फार्म खोलें।
2. फीडर तथा ड्रिंकर की साफ-सफाई समय पर नहीं करना
मुर्गी पालन में साफ सफाई का बहुत ध्यान रखना पड़ता है अगर चूजे के खाने और पानी पीने के बर्तन साफ नही होंगे तो वे बीमार पड़ जाएंगे या मर भी सकते हैं।
इससे आपको काफी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। फीडर और ड्रिंकर को रोजाना या एक दिन बाद साफ करते रहें।
3. अपने फार्म पर जरूरत से ज्यादा चूजे रखना
कुछ लोग ज्यादा मुनाफे के चक्कर में जरूरत से ज्यादा चूजे रखते हैं। जिससे उनका सही से विकास नहीं हो पाता वो ज्यादा खाना खाते है और वजन भी औसत से कम रहता है।
4. नया बैच जल्दी शुरू करना
मुर्गी फार्म में एक बैच लगभग 38 से 40 दिन में तैयार हो जाता है लेकिन कुछ लोग 10 से 15 दिन रुकने के बजाय 2 से 3 दिन में ही नए चूजे खरीद लाते है जिससे पुराने चूजों की बीमारी भी उनमे पहुंच जाती है।
पहले आपको फार्म कि साफ सफाई करनी चाहिए तथा 10 से 15 दिन बाद ही नया बैच शुरु करना चाहिए।
5. मेडिसिन का सही ज्ञान नहीं होना
आपको अपने अनुभव के आधार पर यह पता चलना चाहिए कि चूजे बीमार है या नहीं, अगर बीमार है तो उनके लिए सही समय पर दवाई का इंतजाम करना चाहिए।
6. सीमेंट का फर्श ना होना
अगर पोल्ट्री फार्म में सीमेंट का फर्श होगा तो आप एक बैच ख़त्म होने के बाद उसकी साफ सफाई अच्छी तरह से कर सकते हैं।
अगर आपके फार्म में मिट्टी है तो आप कितनी भी सफाई कर ले पुरानी बीमारी को पूरी तरह से खत्म नहीं कर सकते।
फर्श और जमीन के ऊपर चावल के छिलकों का भूसा डाला जाता है क्योंकि चूजे के पैर बहुत नाजुक होते है फर्श कठोर होने के कारण टूट सकते है।
एक बैच पूरा होने के बाद आपको चावल का भूसा बदलना चाहिए।
7. हवा का सही से निकास नही होना
मुर्गी फार्म में ताजा हवा का होना बहना बहुत जरूरी होता है अगर बाहर की हवा अन्दर नहीं आएगी तो चूजों के कारण अंदर बनने वाली अनोमिया और कार्बन डाई ऑक्साइड गैस बाहर नहीं निकलेगी जिससे चूजे बीमार पड़ सकते है।
8. रात में सही रोशनी की व्यवस्था ना होना
रात में मुर्गी फार्म में एक समान रोशनी का होना बहुत जरूरी है। अगर रोशनी कम होगी तो चूजे ठीक से खाना नहीं खाएंगे और फिर वह दिन में ज्यादा खाएंगे जिससे उनका पेट खराब हो जाएगा और सही ग्रोथ नहीं होगी।
निष्कर्ष
मुर्गी पालन बिज़नेस ( poultry farm in hindi ) एक बहुत ही बढ़िया बिज़नेस है अगर आप इसे पूरी मेहनत से करते है।
इस बिज़नेस में आपको कोई भी सामान बनाना और बेचना नही है आपको मार्केटिंग करने कि भी जरुरत नही है कंपनी वाले खुद आकार आपके तैयार मुर्गे ले जाते है।
सिर्फ 40 दिन में आप 1 लाख रुपए का मुनाफा कमा सकते है।
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very good introduction