एलोवेरा की खेती कैसे करें : मुनाफा 1 बीघा से 1 लाख रुपए
भारत में एलोवेरा की मार्केट में जितनी डिमांड है, उतनी पैदावार नहीं हो रही है। एलोवेरा बहुत ही गुणकारी है मनुष्य के लिए यह रामबाण औषधि है।
एलोवेरा की खेती करना बहुत आसान है इसमें ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती। चलिए अब मैं आपको बताता हूँ कि एलोवेरा की खेती क्यों करनी चाहिए इसका उपयोग कहाँ-कहाँ किया जाता है
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एलोवेरा के उपयोग
- एलोवेरा को तोड़कर इसके gel को सीधा भी खाया जा सकता है और मेडीशन बनाने में भी इसका इस्तेमाल होता है।
- इसका इस्तेमाल शरीर पर कटे हुए तथा जले हुए को ठीक करने में किया जाता है।
- पाचन शक्ति बढ़ाने में।
- कील-मुहासों को ठीक करने में।
- बालों को मजबूत बनाने में।
- शेम्पू तथा Face Wash बनाने में।
एलोवेरा की खेती कैसे करें
एलोवेरा की खेती के लिए रेतीली मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है। एलोवेरा को बीज के द्वारा लगा सकते है या छोटे-छोटे पौधे खरीदकर जमीन में उगा सकते हैं।
एक बीघा जमीन के अंदर लगभग 10,000 पौधे उगाए जाते हैं।
एलोवेरा के पौधे उगाने का सबसे बढ़िया समय फरवरी और मार्च का महीना होता है।
एलोवेरा का पौधा अत्यधिक गर्मी सहन कर सकता है लेकिन इसमें समय पर पानी डालना होता है वरना यह मुरझा जाता है।

एलोवेरा की देखभाल कैसे करें
एलोवेरा की ज्यादा देखभाल करने की जरूरत नहीं पड़ती। आपको 4-5 दिन में एक बार पानी देना होता है।
खरपतवार की हाथों से खुदाई करनी होती है। इसमें गोबर की खाद डाली जाती है।
यूरिया का प्रयोग नहीं किया जाता। एलोवेरा जितना ऑर्गेनिक होगा उतना ही गुणकारी होता है।
एलोवेरा की बहुत सारी प्रजाति प्रजाति होती है जैसे बार्बेडेन मिल्लर, फेरोक्स, ब्रोमी आदि लेकिन सबसे ज्यादा डिमांड बार्बेडेन मिल्लर की होती है।
बार्बेडेन मिल्लर प्रजाति के पौधे की पत्तियां ज्यादा बड़ी होती है तथा यह सबसे ज्यादा गुणकारी प्रजाति होती है।

फसल को नुकसान
एलोवेरा को किसी भी प्रकार का कोई नुकसान नहीं होता है।
अत्यधिक गर्मी में इसे ज्यादा पानी की जरूरत होती है वरना यह मुरझा जाता है।
अत्यधिक सर्दी के अंदर इस पर काले धब्बे पड़ जाते हैं और अपने आप हट जाते हैं इससे एलोवेरा को किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं होता है।
एलोवेरा की फसल कैसे लगाये
एलोवेरा के पौधे लगाने से पहले जमीन को खोदकर उसमें गोबर या केंचुए खाद मिला दे।
एलोवेरा के पौधे को 2*2 फीट के हिसाब से लगाना होता है। मतलब एक पौधे से दूसरे पौधे के बीच 2 फीट की दूरी रहनी चाहिए तथा एक लाइन से दूसरी लाइन के बीच भी 2 फीट की दूरी रहनी चाहिए।
एलोवेरा के पौधे कहां से खरीदें
एलोवेरा के पौधे आपको किसान से खरीदने होते हैं जो पहले से ही इसकी खेती कर रहा है।
एक पौधे से साल भर में 10 छोटे पौधे निकलते हैं किसान उनको बेचकर भी कमाई करते हैं।
एक पौधे की कीमत लगभग ₹3 होती है।
एलोवेरा का पौधा लगभग 5 वर्षो तक पत्तियां देता है। एक बार फसल लगाने के बाद आपको 5 वर्षो तक दोबारा फसल लगाने कि जरुरत नही है।
यह बिजनेस शुरू करने में लागत
एक बीघा में लगभग 10,000 एलोवेरा के पौधे लगाए जाते हैं। एक पौधे की कीमत लगभग ₹3 होती है।
1 बीघा में एलोवेरा की खेती शुरू करने में आपका ₹30000 का खर्च आएगा।
एलोवेरा की कटाई
एलोवेरा लगाने के बाद पतियों की पहली कटाई 8 से 10 महीने बाद की जाती है तथा उसके बाद हर 4 से 5 महीने बाद उसकी फसल काटी जाती है।
एक एलोवेरा का पौधा लगभग 5 वर्ष तक चलता है। कटाई करते समय पक्की हुई पत्तीयां ही काटी जाती है छोटी कमजोर पत्तियां नहीं काटी जाती।
इस बिज़नेस के कमाई
एक पौधे से सालभर में लगभग 4 किलो एलोवेरा पतियों की पैदावार होती है। 1 किलो एलोवेरा मार्केट में लगभग 4 से ₹5 में बिकता है तो एक पौधे से साल भर में लगभग ₹18 की कमाई होती है।
एक बीघा में कुल पौधे लगभग 10,000 होते है तो 1 बीघा से कुल कमाई 1 लाख 80 हज़ार कि होती है।
अगर इसमें से खर्चा घटा दे तो भी आप सालाना 1 बीघा से 1 लाख रुपए बचा सकते है।
निष्कर्ष
एलोवेरा की खेती बहुत ही बढ़िया बिज़नेस है। इस बिज़नेस में आप कम मेहनत में अधिक मुनाफा कमा सकते है। इस आर्टिकल में आपने जाना कि एलोवेरा की खेती कैसे करें
एलोवेरा कि मार्केट में बहुत अधिक डिमांड रहती है। कंपनी आपके खेत से आकार ही इसे ले जाती है।
अगर आप बढिया क्वालिटी का एलोवेरा लगाते है तो कंपनी वाले आपके साथ कॉन्ट्रैक्ट कर लेते है और उसके बाद हर साल वे ही आपसे एलोवेरा खरीदेंगे।
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