MSME क्या है और इसके फायदे क्या है
अगर आप कोई बिज़नेस शुरु करना चाहते है और आप नही जानते कि MSME क्या है और यह आपकी किस प्रकार मदद कर सकता है तो इस गाइड को पढने के बाद आपको आपके सारे सवालों के जवाब मिल जायेंगे।
प्रत्येक व्यक्ति कि यही समस्या है कि भारत में रोजगार नहीं है लेकिन मैं कहता हूं कि भारत में रोजगार के इतने अवसर है जितने दुनिया के शायद ही किसी देश में होंगे। आज के समय पैसा कमाना इतना आसान है जितना इतिहास में कभी नहीं था जानिए कैसे
हमारे देश में रोजगार की कमी नहीं है। कमी हमारी शिक्षा प्रणाली में है जहाँ हमें यह नही पढाया जाता कि बिज़नेस कैसे करते है।
सरकार MSME के द्वारा हमें प्रोत्साहित कर रही है कि भारतवासी कोई लघु उद्योग शुरू करें। लेकिन लोगों को यह नहीं पता कि वो कौन सा लघु उद्योग शुरू करें।
इस ब्लॉग (1000businessidea.in) पर आपको बिजनेस करने के एक से बढ़कर एक आईडिया मिलेंगे तथा उन बिजनेस को सफल बनाने के लिए शुरू से लेकर आखिर तक क्या-क्या करना पड़ेगा यह सब बताया गया है।
चलिए जानते हैं कि MSME क्या है तथा आप इसका फायदा लेकर आप किस प्रकार अपना बिजनेस स्टार्ट कर सकते हैं।
Table of Contents
MSME क्या है
MSME का फुल फॉर्म Micro, Small, and Medium Enterprises होता है हिंदी में इसे “सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय” कहते है।
देश में छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने तथा उनकी आर्थिक रुप से मदद करने के लिए भारत सरकार ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय बनाया है।
भारत देश में लगभग 45% रोजगार छोटे उद्योगों के कारण मिलता है तथा भारत द्वारा निर्यात किए जाने वाले सामान का लगभग 50% सामान छोटे उद्योगों के द्वारा ही उत्पादित किया जाता है।
इसलिए भारत सरकार चाहती है कि देश मैं अधिक से अधिक सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग खोले जाएं जिससे अधिक से अधिक रोजगार उत्पन्न हो सके।
चलिए जानते हैं कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग से क्या मतलब है।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग की परिभाषा
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय को संक्षेप में MSME कहा जाता है। किसी भी उद्योग, फैक्ट्री या दुकान को खोलने में जितना पैसा निवेश किया जाता है। उसी के आधार पर यह पता चलता है कि यह सूक्ष्म उद्योग है, लघु उद्योग है या मध्यम उद्योग है।
सरकार ने MSME की नई परिभाषा भी जारी की है चलिए देखते हैं कि पुरानी तथा नई परिभाषा में क्या अंतर है।
उद्योग | पुरानी परिभाषा | नई परिभाषा (देश में लॉकडाउन के बाद) | उद्योग श्रेणी |
सूक्ष्म उद्योग | ऐसा उद्योग जिसको शुरु करने में 25 लाख रुपए तक का खर्चा किया गया हो | 1 करोड़ तक इन्वेस्टमेंट और 5 करोड़ रुपए तक के टर्नओवर वाले उद्योग | मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर। |
लघु उद्योग | ऐसा उद्योग जिसको शुरु करने में 25 लाख से 50 लाख रुपए तक का खर्चा किया गया हो | 10 करोड़ तक का इन्वेस्टमेंट और 5 करोड़ से 50 करोड़ रुपए के टर्नओवर वाले इंटरप्राइज उद्योग | मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर। |
मध्यम उद्योग | ऐसा उद्योग जिसको शुरु करने में 1 करोड़ रुपए से अधिक का खर्चा किया गया हो | 30 करोड़ तक का इन्वेस्टमेंट और 50 करोड़ से 100 करोड़ रुपए के टर्नओवर वाले उद्योग | मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर |
मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर में अंतर
सरकार ने मैन्युफैक्चरिंग तथा सर्विस दोनों सेक्टर को MSME के अंतर्गत शामिल किया है दोनों सेक्टर में बहुत सारे छोटे-छोटे उद्योग आते हैं।
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर
सभी छोटे उद्योग जहां किसी सामान का उत्पादन किया जाता है मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के अंतर्गत आते हैं। जैसे
बिस्किट बनाने का उद्योग, अगरबत्ती उद्योग, कपड़ा बनाने का उद्योग, पत्तल बनाने का उद्योग आदि।
सर्विस सेक्टर
वे सभी उद्योग या कंपनियां जो सेवा करने के बदले लोगों से पैसे लेती हैं सर्विस सेक्टर के अंतर्गत आते हैं। जैसे
बस सेवा, ट्रैवल एजेंसी, कस्टमर केयर कंपनी, IT कंपनी आदि।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग के नाम
MSME के अंतर्गत कुल 6500 उद्योग आते हैं। (यहाँ सिर्फ कुछ उद्योगों के ही उदाहरण दिए गये है अधिकतर उद्योग MSME के अंदर ही आते है)
फूड पैकिंग | किराना का सामान | होटल |
रेस्टोरेंट्स | दुग्ध उत्पादन | मछली उत्पादन |
मुर्गी पालन | पशु पालन | आटा मिल |
तेल निकालने वाली मिल | मोटर वाहन | साइकिल निर्माण |
फर्नीचर निर्माण | कॉस्मेटिक निर्माण | ब्यूटी पार्लर |
सैलून बिजनेस | इलेक्ट्रिक सामान का निर्माण | इलेक्ट्रॉनिक सामान का निर्माण |
किताबें कॉपी पेन का निर्माण | फोटोकॉपी की दुकान | दर्जी की दुकान |
लैब | हार्डवेयर की दुकान | अगरबत्ती निर्माण |
चप्पल उद्योग | चमड़ा उद्योग |
MSME रजिस्ट्रेशन के लाभ
MSME में मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर से संबंधित किसी भी उद्योग रजिस्टर करने पर भारत सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार के लाभ दिए जाए हैं। जैसे
- किसी भी बैंक के द्वारा सस्ती ब्याज दर पर लोन ले सकते हैं।
- इनकम टैक्स के अंदर भारी छूट।
- लोन पर ब्याज दर बहुत कम लगता है।
- उद्योग के लिए लाइसेंस जल्दी से मिल जाता है।
- सरकार के द्वारा MSME में रजिस्टर उद्योगों को वरीयता दी जाती है।
- बिजली के बिल में भारी छूट।
- अधिक उत्पादन पर टैक्स में भारी छुट।
क्या MSME में रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी है।
नहीं, अभी तक भारत सरकार ने MSME में उद्योग को रजिस्टर करवाना अनिवार्य नहीं किया है।
अगर आप इसमें रजिस्ट्रेशन करवाना नही चाहते तो मत करवाइए। लेकिन अगर आप अपने उद्योग का रजिस्ट्रेशन नहीं करवाते हैं तो आपको उपर बताए गये फायदों का लाभ नहीं उठा पाएंगे।
सरकार समय-समय पर MSME में रजिस्टर उद्योगों के लिए कई प्रकार कि स्कीम निकालती है आप उनका फायदा नही ले पाएंगे।
पढ़े : MSME में रजिस्ट्रेशन कैसे करें Step by Step प्रोसेस
क्या MSME में उद्योग रजिस्ट्रेशन करते ही GST देना पड़ेगा
जी नही, सरकार ने MSME उद्योगों के लिए कुछ नियम बनाए है। जैसे
1. अगर आपका उद्योग सर्विस सेक्टर के अंतर्गत आता है और आप अपने राज्य में ही अपनी सर्विस देते है तो आपको GST तभी देना होगा जब आपका सालाना टर्नओवर 20 लाख रुपए होगा (कुछ राज्यों के लिए यह लिमिट 10 लाख है। जैसे Manipur, Mizoram, Nagaland and Tripura)
2. अगर आपका उद्योग सर्विस सेक्टर के अंतर्गत आता है और आप दुसरे राज्यों में भी अपनी सर्विस देते है तो आपको GST तभी देना होगा जब आपका सालाना टर्नओवर 20 लाख रुपए होगा (कुछ राज्यों के लिए यह लिमिट 10 लाख है जैसे Manipur, Mizoram, Nagaland and Tripura)
3. अगर आपका उद्योग मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के अंतर्गत आता है और आप सिर्फ अपने ही राज्य में अपने सामान कि सप्लाई करते है तो आपको GST तभी देना होगा जब आपका सालाना टर्नओवर 40 लाख रुपए होगा (कुछ राज्यों के लिए यह लिमिट 20 लाख है। जैसे Arunachal Pradesh, Manipur, Meghalaya, Mizoram, Nagaland, Puducherry, Sikkim, Telangana, Tripura and Uttarakhand)
4. अगर आपका उद्योग मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के अंतर्गत आता है और आप दुसरे राज्य में भी अपने सामान कि सप्लाई करते है तो आपको GST तभी देना होगा जब आपका सालाना टर्नओवर 40 लाख रुपए होगा (कुछ राज्यों के लिए यह लिमिट 20 लाख है। जैसे Arunachal Pradesh, Manipur, Meghalaya, Mizoram, Nagaland, Puducherry, Sikkim, Telangana, Tripura and Uttarakhand)
सबसे अधिक MSME रजिस्ट्रेशन वाले राज्य
प्रत्येक व्यक्ति को अपने राज्य के MSME में ही अपने उद्योग का रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता है।
वर्ष 2019 के अनुसार देश में MSME रजिस्ट्रेशन (15 जून 2019 को भारत सरकार द्वारा जारी डाटा)
राज्य | कुल रजिस्टर्ड उद्योग |
उत्तर प्रदेश | 3,54,629 |
राजस्थान | 1,59,368 |
महाराष्ट्र | 1,55,548 |
आंध्रप्रदेश | 1,12,839 |
कर्नाटक | 1,12,161 |
गुजरात | 1,11,198 |
बिहार | 94,128 |
तमिल नाडू | 92,014 |
पश्चिम बंगाल | 79,165 |
मध्य प्रदेश | 63,508 |
MSME उद्योगों का भारत कि GDP में योगदान
आप सभी जानते ही होंगे कि GDP क्या होती है और GDP कैसे निकाली जाती है।
भारत सरकार द्वारा जारी वर्ष 2017-2018 के आकड़े
वर्ष | कुल GDP(करोड़ में) | GDP में MSME कुल प्रतिशत |
2011-12 | 8736329 | 29.57 |
2012-13 | 9944013 | 29.94 |
2013-14 | 11233522 | 29.76 |
2014-15 | 12445128 | 29.39 |
2015-16 | 13682035 | 28.77 |
निष्कर्ष
इस गाइड में आपने जाना कि MSME क्या है और MSME में रजिस्ट्रेशन करवाना जरुरी है या नही।
अगर आपको भी अपना बिज़नेस शुरु करना है तो आप भी अपने उद्योग का MSME में रजिस्ट्रेशन करवाकर उसका फायदा उठा सकते है।
अगर आपको और किसी प्रकार की जानकारी चाहिए तो कमेंट बॉक्स में कमेंट कर सकते है।
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