रातों-रात बिजनेस में Sales को दुगुना कैसे करें
क्या आप जानना चाहते है कि बिजनेस में Sales को दुगुना कैसे करें तो आज मैं आपको उदाहरण सहित ऐसी स्ट्रेटजी बताऊंगा जिनके द्वारा आप रातों-रात अपने बिजनेस का मुनाफा दुगुना कर सकते हैं।
आपका कैसा भी बिजनेस हो छोटा या बड़ा यह Sales स्ट्रेटजी सभी बिजनेस में लागू की जा सकती हैं।
एक बात हमेशा याद रखे कि बिजनेस में मुनाफा कमाने के दो तरीके हैं।
पहला : कुछ ऐसा करो कि आपके कस्टमर की संख्या बढ़ जाए।
दूसरा : आपके पास जो कस्टमर आते हैं उनको ज्यादा सामान बेच दो।
आज मैं आपको दूसरे तरीके के बारे में बताऊंगा मतलब कि आपका जो भी कस्टमर है उसको ज्यादा सामान कैसे बेचे और अपना मुनाफा 30% से 50% तक कैसे बढ़ाएं।
आज मैं आपको Sales को दुगुना करने की जो स्ट्रेटेजी बताऊंगा। उन्हें आप आज ही अप्लाई कर सकते हैं। लेकिन इसके लिए आपको थोड़ा सा होमवर्क करना पड़ेगा और और वह क्या है चलिए जानते हैं।
Table of Contents
बिजनेस में Sales को दुगुना कैसे करें
बिजनेस में अपनी Sales को दुगुना करने के दो तरीके हैं।
- Cross Selling या Down Selling
- UpSelling

1. Cross Selling क्या होती है
Cross Selling या Down Selling का मतलब होता है कि आपका कस्टमर आपसे जो भी सामान लेने आया है उसके साथ उसे 1 या 2, सस्ते आइटम और बेच देना।
एक बात का ध्यान रखे कि आपका कस्टमर आपसे जो प्रोडक्ट खरीद रहा है उसके साथ वही प्रोडक्ट बेचना है जो उस प्रोडक्ट से रिलेटेड (संबंधित) है।
Cross Selling में रिलेटेड प्रोडक्ट्स साथ में बेचा जाता है।
रिलेटेड प्रोडक्ट से क्या मतलब है चलिए कुछ उदाहरण के द्वारा आपको समझाता हूं।
उदाहरण
1. अगर कोई कस्टमर कैमरा खरीदता है तो इससे रिलेटेड प्रोडक्ट जैसे कैमरा बैग, मेमोरी कार्ड, पेनड्राइव, केबल, एक्स्ट्रा लेंस, माइक, कमरा स्टैंड आदि।
2. अगर कोई पेंट या शर्ट खरीदता है तो उससे रिलेटेड प्रोडक्ट्स जैसे बेल्ट, परफ्यूम, अंडर वियर, बनियान, टाई आदि।
3. अगर कोई कस्टमर रजिस्टर या किताब खरीदता है तो उससे रिलेटेड प्रोडक्ट्स जैसे पेन, पेंसिल, रबड़, स्केच आदि।
4. अगर कस्टमर कार खरीदता है तो उससे रिलेटेड प्रोडक्ट्स जैसे म्यूजिक सिस्टम, सीट कवर, कार की मेट, डोर वाइजर आदि।
5. अगर कोई कस्टमर मोबाइल खरीदा है तो उससे रिलेटेड प्रोडक्ट मोबाइल कवर, स्क्रीन गार्ड, मेमोरी कार्ड, earphone आदि।
एक बात का ध्यान रखें रिलेटेड प्रोडक्ट एक-एक करके कस्टमर को बताएं। सारे प्रोडक्ट एक साथ बता देंगे तो कस्टमर कंफ्यूज हो जाएगा और हो सकता है कि वह कोई भी प्रोडक्ट ना खरीदें।
Cross Selling करने के लिए आपको अपने प्रोडक्ट (जो भी आपका बिजनेस है) से रिलेटेड प्रोडक्ट की लिस्ट बनानी पड़ेगी।
अगर आपका प्रोडक्ट, मुख्य प्रोडक्ट (जो कस्टमर खरीद रहा है) से रिलेटेड नहीं होगा तो उसके बिकने के चांसेस भी बहुत कम होंगे।
याद रखें कि आप प्रत्येक कस्टमर को क्रॉस सेलिंग नहीं कर पाएंगे 10 में से अगर आप दो या तीन कस्टमर को भी cross-selling कर पाते हैं तो भी आपका मुनाफा बढ़ सकता है।

बड़ी कंपनियां क्रॉस सेल्लिंग कैसे करती है
बड़ी कंपनियां भी क्रॉस सेल्लिंग के द्वारा अपना मुनाफा करती है। अब मैं आपको बड़ी कंपनियों के कुछ उदाहरण देता हूँ।
उदाहरण
1. मैकडोनाल्ड तथा डोमिनोज पिज्जा खरीदने पर वह प्रत्येक व्यक्ति को फ्रेंच फ्राइस तथा कोल्ड ड्रिंक पर डिस्काउंट देते हैं। जिसके कारण लोग उनको भी साथ में खरीद भी लेते हैं।
2. होटल में जब खाना खाने जाते हैं तो खाने के बाद वेटर प्रत्येक व्यक्ति से आइसक्रीम तथा डेजर्ट के बारे में जरूर पूछते है और बहुत लोग खरीद भी लेते है।
3. आप जब किसी बड़े मॉल में शॉपिंग करने जाते हैं तो शॉपिंग काउंटर पर खड़ा Sales person अपने पास कुछ प्रोडक्ट रखता है जैसे बेल्ट, परफ्यूम, टी शर्ट, shokes आदि।
वह उन्हें कस्टमर को डिस्काउंट के साथ बेचने की कोशिश करता हैं और कुछ लोग खरीद भी लेते हैं।
4. मोबाइल स्टोर पर महंगा मोबाइल खरीदने के बाद दुकानदार मोबाइल के साथ इंश्योरेंस, मोबाइल कवर, स्क्रीन गार्ड, आदि भी बेचने की कोशिश करता है
5. क्रेडिट कार्ड लेते ही कस्टमर के पास इंस्टेंट लोन (24 घंटे में लोन) मिलने के ऑफर आने शुरू हो जाते हैं। इस तरह बैंक वाले भी क्रॉस selling करते है।
6. फाइव स्टार होटल के प्रत्येक कमरे में मसाज पार्लर के साथ और भी कई सर्विसेज के कार्ड टेबल पर रखे होते हैं। होटल वाले भी इस प्रकार cross-selling करते हैं।
7. जब कोई मोटरसाइकिल खरीदता है तो शोरूम वाले उसे हेलमेट, मोटरसाइकिल का सीट कवर और भी कई प्रकार का सामान बेचने की कोशिश करते हैं।
Cross Selling या Down Selling के नियम
Cross Selling करने के कुछ नियम होते है इन्हीं नियमों को ध्यान में रखकर Cross Selling करनी चाहिए।
1. Cross Selling में हमेशा कस्टमर को मुख्य प्रोडक्ट से सस्ता रिलेटेड प्रोडक्ट बेचा जाता है।
मतलब अगर कस्टमर ₹100 की चीज खरीद रहा है तो उसे उसके साथ 20 या ₹30 का ही कोई सामान बेचे क्योंकि सस्ता होने के कारण कस्टमर उसे खरीद सकता है।
लेकिन अगर आप उसे ₹80 की चीज बेचना चाहोगे, तो बहुत कम चांस है कि वह उसे खरीदें।
2. Cross Selling तभी करें जब कस्टमर कोई भी एक प्रोडक्ट खरीदने का मन बना ले।
अगर कस्टमर डिसाइड नहीं कर पाया कि वह कौनसा लैपटॉप खरीदें और आप उसे लैपटॉप से रिलेटेड प्रोडक्ट बेचने की कोशिश कर रहे हो, तो हो सकता है कि कस्टमर आपसे कोई समान ही ना खरीदें।
अगर कस्टमर कंफ्यूज है कि कौनसा लैपटॉप खरीदे तो आप पहले उसका कन्फ्यूजन दूर करें उसके बाद cross-selling करें जैसे लैपटॉप बैग, pendrive, इन्टरनेट चलने के लिए Dongle आदि।
अगर कस्टमर बोले कि उसे सिर्फ एक ही चीज चाहिए और कुछ नहीं चाहिए तो उसे cross-selling करने की ज्यादा कोशिश ना करें। इससे कस्टमर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
क्रॉस selling में हमेशा डिस्काउंट वाले प्रोडक्ट बेचने की कोशिश करें
इससे कस्टमर को लगता है कि महंगी चीज सस्ती मिल रही है। इस कारण प्रोडक्ट के बिकने के चांसेस बढ़ जाते हैं।
उदाहरण
अगर कस्टमर ने लैपटॉप खरीदा है, तो उसे बताओ कि लैपटॉप के साथ में बैग खरीदने पर 20 पर्सेंट डिस्काउंट है।
लेकिन अगर कस्टमर लैपटॉप बैग खरीदने आए तो उसे बैग पर कोई डिस्काउंट मत दो, किसी दूसरी चीज पर डिस्काउंट दो और उसे बैग के साथ बेच दो।
UpSelling क्या होती है
UpSelling का मतलब होता है कि कस्टमर जिस प्राइस का सामान खरीदना चाहता है उससे महंगा सामान उसे बेच देना। मतलब कस्टमर अगर ₹100 की चीज खरीद रहा है तो उसे ₹120 की चीज बेच देना।
ध्यान रखें UpSelling करना आसान काम नही है प्रत्येक व्यक्ति के साथ UpSelling करने की कोशिश ना करें।
UpSelling करने के नियम
UpSelling के लिए कुछ नियमों का पालन करना पड़ता है वह कौन से नियम है चलिए जानते हैं।
1. UpSelling में कस्टमर जो खरीद रहा है उसे उससे बढ़िया सामान बेचा जाता है।
मान लें कि कोई कस्टमर ₹10000 का सैमसंग का मोबाइल खरीदना चाहता है और आप उसे ₹12000 का नोकिया कंपनी का मोबाइल बेचने की कोशिश कर रहे हैं। जिसमें भी वही फंक्शन है जो सैमसंग के मोबाइल में है। इस स्थिति में कम चांस है कि वह नोकिया का मोबाइल खरीदें।
अगर कस्टमर सैमसंग का मोबाइल में चाहता है तो उसे सैमसंग का ही ₹12000 का मोबाइल दिखाएं तथा उसमें जो एक्स्ट्रा फंक्शन है उनके बारे में बताएं।
अब कस्टमर द्वारा इस मोबाइल को खरीदने के चांसेस ज्यादा है।
2. UpSelling में ज्यादा महंगा सामान बेचने की कोशिश ना करें
अगर कस्टमर ₹100 का कोई सामान खरीदता है तो उसे 120 या ₹130 वाला सामान ही बेचने की कोशिश करें। उसे ₹200 का सामान बेचने की कोशिश ना करें।
उदाहरण
एक कस्टमर ₹10,000 की घड़ी खरीदना चाहता है और आप उसे ₹20,000 की घड़ी दिखा देते हैं।
इस स्थिति में हो सकता है कि वह घड़ी बिना खरीदे ही वहा से चला जाए।
क्योंकि ₹20,000 की घड़ी देखने के बाद उसे ₹10,000 वाली घडी फीकी लगने लगेगी और वह ₹20,000 वाली घड़ी खरीद नहीं सकता क्योंकि उसके पास बजट नहीं है।
ऐसे में वह घड़ी खरीदने का फैसला कैंसिल कर सकता है और सोचेगा कि जब बजट आएगा तब ₹20,000 वाली ही घडी खरीदेगा और दुकान से चला जाएगा।
3. UpSelling में डिस्काउंट वाले प्रोडक्ट बेचने की कोशिश करें
अगर कस्टमर ₹100 का कोई प्रोडक्ट खरीदता है तो उसे ₹300 वाला प्रोडक्ट जिस पर 50% डिस्काउंट है, उसे बेचने की कोशिश कर सकते हैं।
डिस्काउंट वाला प्रोडक्ट बिकने के चांस ज्यादा होते हैं इसके दो कारण हैं।
- पहला : वह प्रोडक्ट महंगा तथा बढ़िया होता है।
- दूसरा : वह सस्ता मिल रहा है।
4. UpSelling तभी करें जब व्यक्ति किसी प्रोडक्ट को खरीदने का मन बना ले उससे पहले ना करें
UpSelling तभी करें जब कस्टमर कोई सामान खरीदने का मन बना ले
बड़ी कंपनियां UpSelling कैसे करती है
बड़ी कंपनियां भी अपने ग्राहकों को UpSelling करती है। लेकिन वे UpSelling तभी करती है जब ग्राहक कोई प्रोडक्ट खरीद लेता है।
बड़ी कंपनियों के UpSelling के कुछ उदाहरण
1. जब कोई व्यक्ति अमेरिका या विदेश जाने जाने वाली फ्लाइट ऑनलाइन बुक करता है तो बुकिंग करने के बाद उसके सामने कंप्यूटर पर होटल में कमरे की बुकिंग का ऑफर आ जाता है।
ऑनलाइन साइट वाले उसे फ्लाइट टिकट के साथ-साथ होटल का कमरा भी बुक करवा कर अपनी सेल बढ़ाना चाहते हैं।
2. जब कोई व्यक्ति किसी होटल में कमरा बुक करता है तो उसके सामने भी कई ऑप्शन आ जाते हैं।
जैसे अपने कमरे को अपग्रेड कर लीजिए Non-AC है, तो AC वाला ले लीजिए, 50% डिस्काउंट है।
टैक्सी बुकिंग का ऑप्शन आ जाता है। अगर आपको कहीं घूमने जाना है तो आप टैक्सी बुक कर सकते हैं।
अगर आप फ्लाइट के द्वारा किसी दूसरे शहर या देश से आ रहे हैं, तो आपको एयरपोर्ट पर टैक्सी लेने आ जाएगी टैक्सी बुकिंग का ऑप्शन भी आ जाता है।
3. जब आप बैंक में जाते हैं तो बैंक में अकाउंट खुलवाने के बाद बैंक वाले आपको क्रेडिट कार्ड, इंश्योरेंस पॉलिसी, कार लोन, होम लोन, पर्सनल लोन आदि बेचने की कोशिश करते हैं।
निष्कर्ष
Cross Selling तथा UpSelling के द्वारा प्रत्येक व्यक्ति रातों-रात अपने बिजनेस में Sales को दुगुना कर सकता है।
इस स्ट्रेटेजी में आपको किसी भी प्रकार का खर्चा करने की जरुरत नही है। बस आपको अपनी selling स्किल्स को बढ़ाना होता है।
आज आपने जाना कि बिजनेस में Sales को दुगुना कैसे करें उम्मीद करता हूँ कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा आपको इस ब्लॉग पर 1000 बिज़नेस आईडिया मिलेंगे।
सभी को पढ़िए, क्या पता कौनसा बिज़नेस आईडिया आपकी जिन्दगी बदल दे।
बिजनेस शुरू करने से पहले इन 5 बातों को कभी भी नजरअंदाज ना करें
NOC क्या होता है : NOC कैसे बनवाए
बिजनेस की मार्केटिंग करने के 14 तरीके
Google Map और Just Dial पर Free बिज़नेस रजिस्ट्रेशन कैसे करें
फ्रेंचाइजी क्या है – जिसको फ्रेंचाइजी मिली, लॉटरी लगी